
परवेज़ आलम की खास रिपोर्ट ………..
क्या भारत में 2025 में भी जनगणना नहीं होगी? क्या सरकार का ध्यान इस दिशा में नहीं है? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इस साल के बजट में जनगणना के लिए महज 574.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि इतनी कम है कि इससे इस विशाल प्रक्रिया की शुरुआत भी मुश्किल लगती है। ऐसे में सवाल उठता है—क्या सरकार जनगणना कराने के मूड में नहीं है?
2019 में मिली थी मंजूरी, लेकिन अब तक अधर में योजना।
2019 में केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की मंजूरी दी थी। तब सरकार ने अनुमानित खर्च जनगणना के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये और NPR के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये तय किया था। लेकिन फिर आया कोरोना, और पूरा कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। तब से अब तक सरकार ने नए सिरे से इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
बजट में भारी कटौती, 12,000 करोड़ के अनुमान के मुकाबले 574 करोड़!
अब अगर 2025-26 के बजट की बात करें, तो जनगणना, सर्वेक्षण और सांख्यिकी विभाग (RGI) को सिर्फ 574.80 करोड़ रुपये मिले हैं। यह 2021-22 के 3,768 करोड़ रुपये की तुलना में बहुत कम है। इससे पहले 2024-25 में भी केवल 572 करोड़ रुपये ही मिले थे। अब सवाल उठता है—अगर जनगणना करानी है, तो इसके लिए जरूरी फंड कहां से आएगा? क्योंकि अधिकारियों के मुताबिक, इस पूरी प्रक्रिया में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च आने की संभावना है।
डिजिटल होगी अगली जनगणना, लेकिन पोर्टल अब तक लॉन्च नहीं।
जब भी अगली जनगणना होगी, यह पूरी तरह डिजिटल होगी। सरकार नागरिकों को सेल्फ-एन्यूमरेशन (Self-Enumeration) यानी खुद अपने डेटा भरने की सुविधा देगी। इसके लिए NPR को अपडेट करना अनिवार्य होगा। लेकिन अब तक इस प्रक्रिया के लिए जो डिजिटल पोर्टल बनाया जाना था, वह भी लॉन्च नहीं हुआ है।
आधार और मोबाइल नंबर जरूरी, ये सवाल पूछे जाएंगे।
जनगणना के दौरान नागरिकों से आधार या मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा। साथ ही, इनसे जुड़े कई सवाल पूछे जाएंगे, जैसे:
- परिवार के पास टेलीफोन, इंटरनेट, मोबाइल या स्मार्टफोन है या नहीं?
- घर में साइकिल, स्कूटर, बाइक या कार है?
- परिवार मुख्य रूप से कौन सा अनाज खाता है?
- पीने के पानी का मुख्य स्रोत क्या है?
- घर में बिजली, शौचालय, स्नानघर, रसोई और गैस कनेक्शन है या नहीं?
- खाना पकाने के लिए कौन सा ईंधन इस्तेमाल किया जाता है?
- घर की दीवार, छत और फर्श किस सामग्री से बनी है?
- परिवार के मुखिया की जाति, लिंग और विवाहित जोड़ों की संख्या क्या है?
सरकार की चुप्पी, क्या 2025 में भी नहीं होगी जनगणना?
जनगणना देश के विकास और नीतियों के लिए बेहद जरूरी प्रक्रिया है। इससे देश की आर्थिक, सामाजिक और जनसंख्या से जुड़ी सही तस्वीर सामने आती है। लेकिन मौजूदा बजट और सरकार की ओर से अब तक किसी भी आधिकारिक बयान की गैरमौजूदगी ने इस पर संदेह गहरा कर दिया है। क्या सरकार इसे आगे और टालने की योजना बना रही है? या फिर कोई नया फैसला आने वाला है?