
NRHM घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, तीन दिन की रिमांड मंजूर
धनबाद निवासी कोयला व्यापारी प्रमोद सिंह, जो लगभग 13 साल पहले (2011-12) हुए एनआरएचएम (नेशनल रूरल हेल्थ मिशन) घोटाले के मुख्य आरोपी बताए जा रहे हैं, को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद प्रमोद सिंह को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां ईडी ने सात दिन की रिमांड की मांग की। अदालत ने सुनवाई के बाद तीन दिन की रिमांड की अनुमति दी। इसके बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए चार मार्च तक के लिए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में रखा गया। ईडी गुरुवार को उससे जेल में पूछताछ करेगी।
सात करोड़ के घोटाले में बड़ी भूमिका
प्रमोद सिंह एनआरएचएम में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर अकाउंट मैनेजर के रूप में कार्यरत थे और उन पर सात करोड़ रुपये के घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है। ईडी ने इस वर्ष का पहला मामला इसी केस में दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि प्रमोद सिंह ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के 10 खातों की रकम अपने और अपनी पत्नी प्रिया सिंह के खातों में ट्रांसफर करा ली थी।
इस मामले में धनबाद के तत्कालीन दो सिविल सर्जनों – डॉ. शशि भूषण और डॉ. अरुण कुमार सिन्हा – समेत प्रमोद सिंह की पत्नी प्रिया सिंह, अश्विनी शर्मा, अजीत कुमार, रामजय कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह और अमरेंद्र कुमार पांडे के नाम भी शामिल हैं।
एसीबी केस को ईडी ने किया टेकओवर
2016 में प्रमोद सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। बाद में 2023 में ईडी ने इस केस को टेकओवर कर लिया। ईडी ने 4 जुलाई 2024 और 13 अगस्त 2024 को प्रमोद सिंह के घर पर छापेमारी की थी। साथ ही, उनके सहयोगी अंजीव सिंह, मधुबन निवासी अश्विनी शर्मा, नावाडीह के अरुण सिंह, नूतनडीह के मुकेश पासवान और प्रमोद के साढ़ू दिव्य प्रकाश सिंह के घर भी तलाशी ली गई थी।
12 बार समन भेजने के बाद वारंट पर हुई गिरफ्तारी
ईडी के रांची जोनल ऑफिस ने प्रमोद सिंह को 12 बार समन भेजा था, लेकिन वह किसी भी बार पेश नहीं हुए। इसके बाद ईडी ने कोर्ट से वारंट जारी करवाया और उसे रांची कार्यालय में हाजिर होने के लिए कहा। बुधवार को प्रमोद सिंह वारंट के आधार पर ईडी कार्यालय पहुंचा, जहां पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि सितंबर 2024 में ईडी ने प्रमोद सिंह और उनके परिवार की 1.63 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। पहले एनआरएचएम में कॉन्ट्रैक्ट के तहत कार्यरत रहे प्रमोद सिंह वर्तमान में कोयला व्यापार में सक्रिय हैं और एक बड़े कारोबारी के रूप में जाने जाते हैं।