
परवेज़ आलम
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 21 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर तहलका मचा दिया। सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य मेडिकल सेक्टर में हो रहे कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग को उजागर करना है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई।
ईडी के अभियान में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी
संघीय जांच एजेंसी ने इस छापेमारी के दौरान केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा के साथ कई ठिकानों की तलाशी ली। अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी आयुष्मान भारत योजना से जुड़े एक बड़े घोटाले की जांच का हिस्सा है। ईडी की टीमों ने रांची, जमशेदपुर और कोलकाता सहित कई बड़े शहरों में छानबीन की।
विधायक सरयू राय का समर्थन
झारखंड के जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने इस कार्रवाई का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से इस घोटाले की जांच की मांग कर रहे थे और अब ईडी के कदम से संतोष महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग में पिछले पांच वर्षों में जो अनियमितताएं हुई हैं, उनकी गहराई तक जांच होनी चाहिए।
हवाला डीलरों के ठिकानों पर भी छापेमारी
सूत्रों की मानें तो झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी (JSAS) से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों के साथ-साथ कई थर्ड-पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) कंपनियों जैसे ‘एमडी इंडिया’, ‘सेफवे’ और ‘मेडी असिस्ट’ पर भी छापेमारी की गई। इसके अलावा, कोलकाता में हवाला डीलरों के कुछ ठिकानों पर भी ईडी की टीम पहुंची।
रांची में कई स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी
ईडी की टीमों ने झारखंड की राजधानी रांची के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातू, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी जैसे इलाकों में छापेमारी की। इसके अतिरिक्त, जमशेदपुर के राष्ट्रीय राजमार्ग-33 के किनारे स्थित मैंगो क्षेत्र में एक घर और एक नर्सिंग होम की तलाशी ली गई।
सीएजी रिपोर्ट के बाद ईडी की जांच तेज
आयुष्मान भारत योजना में कथित अनियमितताओं की जांच भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है। सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश होने के बाद ईडी ने इसे संज्ञान में लिया और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की। इसके बाद, स्वास्थ्य विभाग और झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी से इस योजना में हुए घोटालों पर स्पष्टीकरण मांगा गया।
फर्जी दावों के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी
ईडी को संदेह है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पतालों के पैनल में फर्जीवाड़ा किया गया और फर्जी दावों के माध्यम से बड़े पैमाने पर धनशोधन हुआ। इस योजना के तहत भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के गठजोड़ के जरिए अवैध रूप से धन अर्जित किया गया। गौरतलब है कि यह योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर के नागरिकों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है।
ईडी की छापेमारी से कई बड़े नामों पर गिरेगी गाज?
ईडी की कार्रवाई के बाद कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि ईडी की टीमें सुबह 4 बजे से ही विभिन्न स्थानों पर सक्रिय थीं। बरियातू रोड स्थित श्यामा इनक्लेव, राधा गोविंद अपार्टमेंट, मोहराबादी स्थित बुधिया एजेंसी, सिंदुवार के ललिता ऑर्किड और अरविंद मार्क के रश्मि इनक्लेव सहित कई स्थानों पर छापेमारी की गई।
फिलहाल, इस मामले में बन्ना गुप्ता या उनके निजी सचिव की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। ईडी अपनी जांच को और आगे बढ़ा रही है और जल्द ही और बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।