
रांची ब्यूरो।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सीपी सिंह के मुसलमानों को लेकर दिए गए विवादित बयान ने झारखंड की सियासत में तूफान ला दिया है। कांग्रेस ने इस बयान की तीखी आलोचना करते हुए इसे न केवल समाज को बांटने वाला बल्कि राज्य की सांप्रदायिक सौहार्द के लिए गंभीर खतरा बताया है। पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि सीपी सिंह की विधान सभा की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए।
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा विधायक पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सीपी सिंह मानसिक कुंठा के शिकार हो गए हैं। भाजपा में वे न तो प्रदेश अध्यक्ष बन पाए, न ही विधायक दल के नेता। यही कारण है कि वे निराशा में ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं जो समाज को गहरे तक बांट सकती है।”
शहजादा अनवर ने भाजपा नेतृत्व और केंद्र सरकार से तीखे सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा, “क्या भाजपा अपने वरिष्ठ मुस्लिम नेताओं जैसे शहनवाज हुसैन, मुख्तार अब्बास नकवी, जफर इस्लाम और यहां तक कि बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान को भी ‘जिहादी’ समझती है? जो मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आज़ादी के लिए जान की बाज़ी लगाई, क्या वे भी भाजपा की नजर में जिहादी थे?”
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, मीडिया चेयरमैन सतीश पाल मुजनी, प्रवक्ता सोन शांति, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य एम तौसीफ और गजेंद्र सिंह समेत कई नेता मौजूद थे। सभी ने एक सुर में कहा कि ऐसे बयानों को किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इस बीच कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो को पत्र लिखकर सीपी सिंह के बयान की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में यह बयान सत्य पाए जाते हैं, तो विधानसभा से उनकी सदस्यता रद्द की जाए। शमशेर आलम ने कहा, “एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होकर सीपी सिंह ने समाज को उस दिशा में धकेलने का काम किया है, जहां न केवल सामाजिक तानेबाने को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि पूरे देश की एकता भी खतरे में पड़ सकती है।”
कांग्रेस का कहना है कि झारखंड जैसे संवेदनशील राज्य में शांति बनाए रखने के लिए ऐसे बयानों पर तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि समाज में नफरत फैलाने की कोशिश करने वालों को सख्त संदेश दिया जा सके।