
परवेज़ आलम की रिपोर्ट ………………..
गिरिडीह जिले के पीरटांड में आदिवासी युवती के शोषण और धर्मांतरण के प्रयास के मामले में आरोपी ताज हुसैन ने एससी एसटी स्पेशल कोर्ट गिरिडीह में शनिवार को सरेंडर कर दिया। सरेंडर से पहले आरोपी ताज ने एक वीडियो जारी कर खुद को बेगुनाह बताया है। उसने कहा कि यह साजिश है और उसे झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
क्या है मामला?
पीरटांड की रहने वाली एक आदिवासी युवती ने ताज हुसैन और उसके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती का कहना है कि ताज ने उसे प्रेमजाल में फंसाकर संपत्ति हड़पने की कोशिश की, शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला, और धर्मांतरण के लिए मजबूर किया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि ताज और उसके परिवार ने उसे धमकाया और सोशल मीडिया पर बदनाम करने की धमकी भी दी।
इस मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ताज को पार्टी से निलंबित कर दिया है। जेएमएम संयोजक संजय सिंह ने कहा, “पार्टी इस तरह के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है। दोषी पाए जाने पर कानून अपना काम करेगा।”
आदिवासी समाज ने जताया विरोध॰
घटना को लेकर पीरटांड के सिद्धो कान्हू स्कूल मैदान में आदिवासी समाज की बैठक हुई। बैठक में घटना की कड़ी निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गयी ।
पुलिस ने तेज की कार्रवाई ।
पीरटांड थाना के अधिकारी ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच जारी है। उन्होंने कहा, “आरोपी ताज हुसैन के कोर्ट मे सरेंडर कर दिया है।”
ताज हुसैन ने आरोपों को बताया साजिश।
सरेंडर से पहले जारी वीडियो में ताज ने कहा कि सभी आरोप गलत हैं। यह राजनीतिक साजिश है और इसमें उनके विरोधियों का हाथ है। ताज ने खुद को निर्दोष बताते हुए न्याय की गुहार लगाई और कहा कि मुझे अदालत पर पूरा भरोसा है कि अदालत मुझे निर्दोष पाएगा ।
आदिवासी समुदाय में रोष।
घटना से आदिवासी समुदाय में भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत न कर सके।
गिरिडीह से सामने आई इस घटना ने न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि कानून इस मामले में क्या फैसला सुनाता है।