
रांची: झारखंड की राजनीति में हालिया विधानसभा चुनाव के परिणामों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इन सवालों के जवाब तलाशने और आगे की रणनीति तय करने के लिए आजसू पार्टी ने अपने केंद्रीय कार्यालय, हरमू में समीक्षा बैठक की। पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने स्पष्ट किया कि जनहित के सकारात्मक मुद्दों पर वे सरकार के साथ खड़े रहेंगे, लेकिन जहां भी जनविरोधी निर्णय होंगे, वहां विपक्ष की धारदार भूमिका निभाई जाएगी।
“जातीय ध्रुवीकरण चुनाव का आधार”: सुदेश महतो
सुदेश कुमार महतो ने इंडिया गठबंधन की जीत को जातीय ध्रुवीकरण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “यह चुनाव विकास के आधार पर नहीं, बल्कि जातीय ध्रुवीकरण के जरिए लड़ा गया। एनडीए के अंदर समन्वय की कमी भी अप्रत्याशित परिणाम का कारण बनी।”
बैठक में संसदीय बोर्ड के सदस्य और चुनाव में उतरे प्रत्याशी शामिल हुए। प्रत्याशियों ने चुनावी चूक और स्थानीय स्तर पर कमजोरियों पर खुलकर चर्चा की।
“जनादेश का सम्मान, संघर्ष जारी रहेगा”
सुदेश महतो ने कहा कि हार-जीत राजनीति का हिस्सा है, लेकिन उनके संघर्ष की दिशा साफ है। “हम जनादेश का सम्मान करते हैं। लेकिन सरकार को यह याद रखना होगा कि जनता के हित में काम चुनावी वर्ष से नहीं, पहले दिन से शुरू होना चाहिए।”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे झारखंडी, मूलवासी, पिछड़ों और बेरोजगारों के हक की लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी इस राज्य की सबसे बड़ी समस्या है, और इसे सुलझाने में सरकार की गंभीरता पर नज़र रखी जाएगी।
“जनता की भावनाओं को नहीं समझ पाए”: चंद्रप्रकाश चौधरी .
बैठक में सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने चुनाव परिणामों पर आत्ममंथन करते हुए कहा, “हम जनता की भावनाओं को समझने में चूक गए। स्थानीय मुद्दों का चुनावी बहस से गायब होना जनता को पसंद नहीं आया।”
उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार की विफलताओं को जनता तक सही तरीके से पहुंचाने में भी पार्टी विफल रही। “अब हमारी प्राथमिकता जनता का विश्वास दोबारा जीतने की है, और इसके लिए हमारी रणनीति और मजबूत होगी।”
नई शुरुआत की ओर आजसू .
आजसू पार्टी इस समीक्षा बैठक के जरिए चुनावी हार के कारणों को समझने और आने वाले समय में जनता के बीच फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रही है।