
रांची – भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र सौंपते हुए गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र में आदिवासी समाज के खिलाफ दर्ज एक मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में “मरांग बुरू सांवता सुसार बैसी” संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन का हवाला दिया।
पत्र में पारसनाथ शिखर क्षेत्र में स्थित आदिवासी समाज के पारंपरिक पूजा स्थल “मरांगबुरू जुग-जाहेरथान” की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई है। बाबूलाल मरांडी ने उल्लेख किया कि पारसनाथ पहाड़ पर सदियों से आदिवासी समाज अपनी धार्मिक परंपराओं, सोहराय और अन्य अनुष्ठानों का पालन करता आ रहा है। विशेष रूप से “जुग जाहेर थान” और “दिशोम मांझीथान” जैसे स्थल उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जहां पारंपरिक बलि प्रथा के तहत पूजा की जाती है।
पत्र में यह भी बताया गया है कि 19 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी और समर्थकों के साथ पारसनाथ शिखर क्षेत्र में पूजा-अर्चना की थी। इस दौरान कुछ समर्थकों द्वारा बकरों की बलि दी गई, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद पांच निर्दोष आदिवासी नागरिकों—बुधन हेम्ब्रोम, साहेबराम मुर्मू, फागू मरांडी, सिकंदर हेम्ब्रोम और अर्जुन हेम्ब्रोम—को आरोपी बना दिया गया। पत्र में आरोप लगाया गया है कि स्थानीय पुलिस ने जानबूझकर आदिवासी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया, जबकि असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बाबूलाल मरांडी ने पत्र में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पारसनाथ शिखर क्षेत्र में जैन समाज और आदिवासी समाज के बीच पूजा स्थलों और सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर विवाद बढ़ रहा है, जिससे इलाके में तनाव बना हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने, निर्दोष आदिवासियों को न्याय दिलाने और दोनों समुदायों के बीच विवाद का स्थायी समाधान निकालने की अपील की।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे इस पवित्र शिखर क्षेत्र में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सार्थक पहल करें, जिससे देश-विदेश से आने वाले जैन तीर्थयात्रियों और आदिवासी धर्मावलंबियों को एक सुखद और शांतिपूर्ण अनुभव मिल सके।