
– रैंप विवाद के कारण यह फ्लाईओवर रहा सुर्खियों मे.
परवेज़ आलम.
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में गुरुवार को एक ऐतिहासिक क्षण तब दर्ज हुआ जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2.34 किलोमीटर लंबे सिरमटोली फ्लाईओवर का विधिवत उद्घाटन किया। चार लेन वाले इस आधुनिक फ्लाईओवर के चालू होते ही शहरवासियों को जाम की भीषण समस्या से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने इस फ्लाईओवर को आदिवासी नेता बाबा कार्तिक उरांव के नाम समर्पित करते हुए घोषणा की कि अब इसे “कार्तिक उरांव पथ” के नाम से जाना जाएगा। उद्घाटन समारोह मेकॉन गोलचक्कर के निकट वन भवन परिसर में आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री ने पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया.
क्या है इस फ्लाईओवर की खासियत ?
- लंबाई: 2.34 किलोमीटर, डिज़ाइन: 132 मीटर लंबा एक्सट्रा-डोज्ड केबल-स्टे ब्रिज और 42 मीटर ऊंचे चार पायलन
- तकनीकी विशेषताएं:
- प्रीकास्ट पाइल कैप, प्रीकास्ट गर्डर का प्रयोग
- माइक्रो पाइलिंग व बोरोपाइलिंग जैसी आधुनिक तकनीक
- रेलवे की सख्त मंजूरी और हाई कोर्ट केस के बीच सुरक्षित निर्माण
- शून्य दुर्घटना रिकॉर्ड
- यातायात समाधान:
- राजेंद्र चौक और सुजाता चौक को जोड़ने से 40% ट्रैफिक डायवर्जन
- पहले जहाँ सफर में आधे घंटे लगते थे, अब महज 5 मिनट में पूरा होगा सफर
पर्यावरण और भावनात्मक संतुलन पर जोर.
फ्लाईओवर उद्घाटन के साथ ही मुख्यमंत्री ने पर्यावरण दिवस पर जनजागृति का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “पर्यावरण संकट गंभीर होता जा रहा है, शहरों में स्थिति बेहद चिंताजनक है।” इस अवसर पर उन्होंने एक पेड़ जरूर बचाने की अपील भी की और कहा कि सरकार चाहे जितना कानून बनाए, असली परिवर्तन नागरिकों की जागरूकता से ही आएगा।
रैंप विवाद और आदिवासी संगठनों का विरोध.
इस परियोजना के रैंप का एक सिरा सरना धर्मस्थल के समीप होने के कारण बीते कई महीनों से विवाद में रहा। 4 जून को इसी को लेकर झारखंड बंद का आह्वान हुआ था। आदिवासी संगठनों का कहना था कि इससे धार्मिक स्थल की पवित्रता भंग होगी। सरकार ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए रैंप की ऊंचाई 124 फीट से घटाकर 84 फीट कर दी, और बैरिकेडिंग के लिए विशेष व्यवस्था की।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने मंच से दो टूक कहा, “किसी की भावना को ठेस पहुंचाना या किसी की पहचान की बलि देना हमारे एजेंडे में नहीं है। सरकार विकास और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाए रखने को प्रतिबद्ध है।”
राजनीतिक और प्रशासनिक उपस्थिति.
फ्लाईओवर उद्घाटन कार्यक्रम में राज्य के कई मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ,कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, मंत्री संजय प्रसाद यादव,सहित अन्य प्रतिनिधि व अधिकारी शामिल थे।
355.76 करोड़ की लागत से बनी शानदार उपलब्धि.
करीब 355.76 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ यह फ्लाईओवर न सिर्फ रांची को यातायात की परेशानी से निजात दिलाएगा, बल्कि झारखंड में इंजीनियरिंग और निर्माण की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।
यह फ्लाईओवर मुख्यमंत्री द्वारा 29 अगस्त 2022 को शिलान्यास किया गया था और तीन साल से कम समय में बनकर तैयार हो गया। इससे पहले अक्टूबर 2024 में 2.24 किलोमीटर लंबे कांटाटोली फ्लाईओवर का भी उद्घाटन किया गया था।
सिरमटोली फ्लाईओवर केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना नहीं, बल्कि झारखंड की नई रफ्तार का प्रतीक बन चुका है। यह राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, आधुनिक तकनीक और सामाजिक संवेदनशीलता के संतुलन का एक सुंदर उदाहरण है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सफलता राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार दोहराई जा सकेगी या नहीं।