
परवेज़ आलम की रिपोर्ट …………………………
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया। ‘मंईयां सम्मान योजना‘ के तहत 56.61 लाख महिला लाभार्थियों के खातों में ₹1415.44 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर की गई। यह समारोह रांची के नामकुम स्थित खोजाटोली के ट्रेनिंग ग्राउंड में आयोजित हुआ, जहां मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर यह राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी।
जैसे ही राशि ट्रांसफर की गई, वहां उपस्थित महिलाओं के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री ने इस योजना को झारखंड की महिलाओं के सपनों को पंख देने वाला कदम बताया। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, “हमारे राज्य की महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में सक्षम हैं। हमने वादा किया था कि राज्य की आधी आबादी को उनका हक दिलाएंगे, और आज हमने उस वादे को निभाया है।” मुख्यमंत्री ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “आप अपने सपनों को साकार करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह राशि न केवल आपकी जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि आपके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी मददगार साबित होगी। अब आप बच्चों की पढ़ाई, परिवार की जरूरतों और अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकती हैं।”
महिला सशक्तिकरण की नई दिशा।
‘मंईयां सम्मान योजना’ की शुरुआत अगस्त 2024 में हुई थी। पहले इस योजना के तहत 18-50 वर्ष की महिलाओं को ₹1000 मासिक मानदेय दिया जा रहा था, जिसे दिसंबर 2024 से ₹2500 कर दिया गया। यह योजना झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए महिलाओं के बीच गहरी पैठ बनाने का एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
महिला और पुरुष: एक हल के दो बैल।
मुख्यमंत्री ने अपनी बात को सरल लेकिन गहरे संदेश के साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “महिला और पुरुष एक हल के दो बैल हैं। जब तक दोनों साथ नहीं चलेंगे, राज्य और देश का विकास संभव नहीं है।” उन्होंने कहा कि झारखंड की महिलाएं अपनी क्षमता और बुद्धिमत्ता से राज्य को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
चुनावी राजनीति पर तीखा कटाक्ष।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा, “जब हमने महिलाओं के लिए ₹1000 की घोषणा की, तो विपक्ष ने मजाक उड़ाया। जब ₹2500 की बात की, तो वे इसे अव्यावहारिक बताने लगे। लेकिन हमने साबित कर दिया कि झारखंड में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता वास्तविक है।”
महिलाओं को मिली नई ऊर्जा।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह योजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी। समारोह के दौरान महिलाओं ने तख्तियां लहराकर और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मुख्यमंत्री का स्वागत किया। हेमंत सोरेन ने भी महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं।
अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाएंगी महिलाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस योजना के जरिए हम झारखंड की अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाने जा रहे हैं। महिलाओं को अब अपने फैसले खुद लेने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने का अवसर मिलेगा।” उन्होंने यह भी चेताया कि इस धनराशि का गलत इस्तेमाल न हो।
झारखंड की तस्वीर बदलेगी।
मुख्यमंत्री ने इस योजना को झारखंड की गरीबी और पिछड़ेपन के खिलाफ एक मजबूत कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान झारखंड की आधी आबादी को न केवल सशक्त बनाएगा, बल्कि राज्य को नई दिशा में ले जाने का माध्यम भी बनेगा। झारखंड की महिलाएं अब नई उम्मीदों और सपनों के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं। यह योजना उनके जीवन को बदलने का एक मजबूत आधार बन सकती है।