
रांची: झारखंड सरकार ने सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों (एमएसएमई) को प्रोत्साहन देने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब प्रदेश में इन उद्योगों को पहले तीन साल तक ट्रेड लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल उद्योग विभाग की सहमति मिलने से ही कारोबार शुरू किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इसके साथ ही सरकार ने पांचवे और छठे वेतनमान के तहत कार्यरत कर्मचारियों और पेंशनधारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी का भी निर्णय लिया है। अब छठे वेतनमान पर काम करने वाले कर्मियों, पेंशनधारियों और पारिवारिक पेंशनधारियों का डीए 239 प्रतिशत से बढ़ाकर 246 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि पांचवे वेतनमान पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह 443 प्रतिशत से बढ़ाकर 455 प्रतिशत किया गया है।
कैबिनेट बैठक में महिलाओं को कारखानों में रात में काम करने की अनुमति देने के लिए कारखाना अधिनियम-1948 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। अब महिलाएं अपनी सहमति से शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी।
कौन होगा लाभार्थी?
कैबिनेट के इस फैसले से एमएसएमई उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। अब उद्यमियों को पहले तीन वर्षों तक ट्रेड लाइसेंस लेने की बाध्यता नहीं होगी। इसके बाद वे लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। इससे उद्योगों की स्थापना और संचालन की प्रक्रिया सरल होगी, जिससे प्रदेश में नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के इन फैसलों से झारखंड में औद्योगिक विकास को गति मिलने की उम्मीद है।