परवेज़ आलम की रिपोर्ट …..
झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली में कांग्रेस की सियासी गहमागहमी चरम पर है। सोमवार को दिल्ली मे प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने राहुल गांधी से मुलाकात की। चर्चाओं का बाजार गर्म है—कौन मंत्री बनेगा और किसे इंतजार करना पड़ेगा? अब कांग्रेस आलाकमान के पास झारखंड से आए संभावित नामों की सूची है। सूत्रों की मानें, तो शाम तक चार नामों पर मुहर लगने की संभावना है।
कांग्रेस का मंत्रिमंडल—सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन पर जोर।
झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार का खाका खींचा जा रहा है। कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि प्रमंडल और सामाजिक समीकरणों को केंद्र में रखा गया है। हर प्रमंडल से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, जातीय समीकरण को साधते हुए आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, और अगड़ी जाति को बराबर तरजीह मिलेगी।
गुलाम अहमद मीर कहते हैं, “कैबिनेट विस्तार की तिथि तय करना मुख्यमंत्री का अधिकार है। कांग्रेस पूरी तरह तैयार है। जैसे ही तारीख तय होगी, हम अपनी सूची सौंप देंगे।” वहीं प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का भी यही कहना है कि विधानसभा सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा।
दिल्ली में फैसले की घड़ी।
झारखंड कांग्रेस की टीम ने आलाकमान से मुलाकात की है । मीर और कमलेश ने मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, और केसी वेणुगोपाल से एक-एक कर भेंट की। इस दौरान विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन का ब्यौरा दिया गया। 16 सीटों पर कांग्रेस की जीत और 14 सीटों पर हार के कारणों की रिपोर्ट भी सौंपी गई।
इंडिया गठबंधन की जीत और कांग्रेस की उम्मीदें।
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने बहुमत हासिल किया। झामुमो के खाते में 34 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की। अब कांग्रेस ने 4:1 के फॉर्मूले के तहत चार विधायकों पर एक मंत्री पद की मांग रखी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ तो ले ली है, लेकिन कांग्रेस की नजर अब मंत्री पद पर है।
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