
गिरिडीह : 31 जनवरी—झारखंड के इतिहास का वह दिन, जिसे झामुमो कार्यकर्ता “काला दिवस” के रूप में याद कर रहे हैं। ठीक एक साल पहले, 31 जनवरी को झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने केंद्र सरकार के इशारे पर गिरफ्तार किया था। इस घटना के विरोध में झामुमो की जिला इकाई ने आज पूरे जोश और आक्रोश के साथ जुलूस निकाला और ईडी का पुतला दहन किया।
“लोकतंत्र की हत्या का काला अध्याय”.
झामुमो कार्यकर्ताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार ने लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को ताक पर रखकर संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया। यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं थी, बल्कि एक जनप्रतिनिधि और झारखंड की अस्मिता पर सीधा हमला था।
ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अनगिनत आरोप लगाए, लेकिन हाईकोर्ट में वे सारे आरोप रेत के महल की तरह ढह गए। अदालत में ईडी अपने ही लगाए आरोपों को साबित नहीं कर पाई और माननीय मुख्यमंत्री को नियमित जमानत देकर रिहा किया गया।
“सुप्रीम कोर्ट की फटकार और झारखंडी जनता का जवाब”.
झारखंडी जनता ने ईडी और केंद्र सरकार की साजिश को नाकाम कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में ईडी को फटकार लगाते हुए कहा कि “आप सिर्फ गिरफ्तार ही नहीं कर रहे, बल्कि मानवाधिकारों का उल्लंघन भी कर रहे हैं।”
झामुमो नेताओं का कहना था कि “केंद्र सरकार का असली मकसद सत्ता की भूख को पूरा करना था। लेकिन झारखंड की जनता ने इसका जवाब दिया। भारी बहुमत से झामुमो सरकार को फिर सत्ता में बिठाकर बता दिया कि साजिशों से जनता को नहीं हराया जा सकता।”
ईडी का पुतला दहन, सैकड़ों कार्यकर्ता हुए शामिल.
इस विरोध प्रदर्शन में झामुमो जिला संयोजक समिति के अजित कुमार पप्पू, दिलीप मंडल, कौलेश्वर सोरेन, राकेश कुमार रॉकी, प्रमिला मेहरा , अभय सिंह, संजय वर्मा, सुमन सिंहा,कृष्ण मुरारी शर्मा, अकिल सोनू, प्रधान मुर्मू, दिलीप रजक, तेजलाल मंडल, राकेश रंजन,अनवर अंसारी, नौशाद अहमद चं।द ,लेखों मंडल,देव चरण दास, जाकिर हुसैन ,अशोक राम, निरंजन राय, मो नूर, नूरुल होदा, सुशांत सिंहा, योगेंद्र सिंह,मो इमरान, बृजमोहन तुरी, शेखर यादव, शमीम गद्दी, प्रमोद कांधवे, मेहताब मिर्जा, अभिषेक शर्मा, सचिन शर्मा, ताज हसन, विवेक राम, मो सलीम, अनुभव सिंह, मो नसीम, अनूप सिंह रूपेश रजक,सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। उन्होंने ईडी और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुतला दहन कर अपना रोष प्रकट किया।
“झारखंडी जनता ने बता दिया—हम झुकने वाले नहीं!”.
कार्यक्रम में शामिल झामुमो नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ ईडी का विरोध नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—“झारखंड को दबाने की कोशिश करने वाले खुद मिट जाएंगे, लेकिन हमारी आवाज कभी नहीं दबेगी!” “हम झारखंडी हैं, हम लड़ेंगे और जीतेंगे!”