
की पॉइंट :
- घटना: 25 अप्रैल 2025
- जगह: सकोइरा, तिल्लाबेरी, नाइजर, पश्चिम अफ्रीकी
- अपहृत मजदूर: संजय महतो, चंद्रिका महतो, फलजीत महतो, राजू महतो, उत्तम महतो
- कंपनी: कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड
- संभावित लोकेशन: माली सीमा क्षेत्र
- कूटनीतिक संपर्क: भारत के राजदूत, नाइजर सेना प्रमुख, ICRC, माली राजनयिक चैनल
परवेज़ आलम.
गिरिडीह/रांची: पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर में आतंकियों के हाथों अपहृत झारखंड के पांच मजदूरों की सुरक्षित वापसी के प्रयास तेज़ हो गए हैं। बगोदर (गिरिडीह) के रहने वाले ये सभी मजदूर अब भी सुरक्षित हैं। यह जानकारी विदेश मंत्रालय द्वारा संजय मेहता को भेजे गए औपचारिक पत्र में दी गई है। संजय मेहता लगातार इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय, कंपनी अधिकारियों और नाइजर स्थित भारतीय राजनयिकों के संपर्क में बने हुए हैं।
25 अप्रैल को आतंकियों ने मजदूरों को किया था अपहृत.
25 अप्रैल 2025 को नाइजर की राजधानी नियामे से करीब 115 किमी दूर तिल्लाबेरी प्रांत के सकोइरा इलाके में यह घटना हुई थी , जब एक पावर ट्रांसमिशन परियोजना पर काम कर रहे भारतीय मजदूरों का आतंकियों ने अपहरण कर लिया। इस हमले में 12 नाइजर सैनिक मारे गए। झारखंड के संजय महतो, चंद्रिका महतो, फलजीत महतो, राजू महतो और उत्तम महतो उस समय वहां कार्यरत थे, जिन्हें आतंकियों ने अगवा कर लिया।
ये सभी कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (KPIL) के तहत एक पावर ट्रांसमिशन परियोजना में कार्यरत थे।
संजय मेहता की पहल से विदेश मंत्रालय हुआ सक्रिय.
जैसे ही इस घटना की सूचना मिली, हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी और सामाजिक कार्यकर्ता संजय मेहता ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और विदेश मंत्रालय को विस्तृत पत्र लिखकर मामले की संवेदनशीलता से अवगत कराया।
इसके बाद विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए भारत के राजदूत, नाइजर की सरकार और सेना के शीर्ष अधिकारियों से संपर्क साधा।
भारत के राजदूत की सेना प्रमुख से मुलाकात, मिला भरोसा.
नाइजर में भारत के राजदूत सीता राम मीना ने 9 मई 2025 को नाइजर के सेना प्रमुख कर्नल अब्दुर्रहमान तियानी से विशेष मुलाकात की। इस बैठक में नाइजर सेना प्रमुख ने भरोसा दिलाया कि भारतीय मजदूर सुरक्षित हैं और उनकी रिहाई के प्रयास जारी हैं। सेना प्रमुख ने संकेत दिए कि ये मजदूर माली की सीमा के आसपास हो सकते हैं।
विदेश मंत्रालय ने ICRC और अन्य एजेंसियों को किया सक्रिय.
विदेश मंत्रालय ने संजय मेहता को भेजे पत्र में बताया कि भारतीय राजनयिकों ने माली और नाइजर में इंटरनेशनल रेड क्रॉस (ICRC) के अधिकारियों से मुलाकात की है। साथ ही नई दिल्ली स्थित ICRC और माली कार्यालय को भी सूचित किया गया है ताकि मानवीय आधार पर रिहाई सुनिश्चित कराई जा सके।
संजय मेहता ने लिखा कई पत्र, मंत्रालय में की उच्च स्तरीय वार्ता.
संजय मेहता ने 30 अप्रैल, 2 मई, 4 मई, 22 मई और 23 मई को विदेश मंत्रालय को पांच अलग-अलग पत्र भेजे। उन्होंने विदेश मंत्रालय के अवर सचिव बीएन पांडे, अफ्रीकी मामलों के प्रभारी सेवाला नाइक मुड़े, OSD लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव कुमार से भी वार्ताएं कीं। इसके अलावा KPIL कंपनी के उच्चाधिकारियों से भी संपर्क साधा गया।
सुरक्षित हैं मजदूर, सरकार निगरानी में जुटी.
विदेश मंत्रालय ने पत्र में लिखा है कि मजदूर सुरक्षित हैं, और उनके जीवन को कोई तात्कालिक खतरा नहीं है। उन्हें संभवतः माली सीमा क्षेत्र में रखा गया है, जिसे ध्यान में रखते हुए माली में भी राजनयिक प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
मंत्रालय ने कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल को भी ICRC और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं।