
गिरिडीह: सिख समाज ने नए साल 2025 का स्वागत भक्ति और समर्पण के साथ किया। पंजाबी मुहल्ला स्थित गुरुद्वारे में रात 11 बजे से लेकर 12:30 बजे तक शब्द कीर्तन, भजन और गुरु सिमरन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर सिख समुदाय के लोग एकजुट होकर प्रभु और गुरु को याद करते हुए सबके सुख और समृद्धि की कामना करते नजर आए।
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि साल के अंतिम क्षणों में, जहां एक तरफ दुनिया पार्टियों और शोर-शराबे में व्यस्त थी, वहीं सिख समाज भक्ति और साधना में डूबा हुआ था। जैसे ही घड़ी की सुई ने रात 12 बजकर एक नया दिन दिखाया, पूरे गुरुद्वारे में “वाहेगुरु” के जयकारे गूंज उठे।
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के लिए लंगर का भी आयोजन किया गया, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस आयोजन में सिख समाज के प्रतिष्ठित सदस्यों ने भी भाग लिया, जिनमें डॉ. गुणवंत सिंह मोंगिया, सरदार नरेंद्र सिंह शमी, डॉ. अमरजीत सिंह सलूजा, चरणजीत सिंह सलूजा, भूपेंद्र सिंह दुआ, तेजेंदर सिंह डिम्पल और अन्य गणमान्य शामिल रहे।
गौरतलब है कि हर साल गिरिडीह का सिख समाज इस तरह के जागरण का आयोजन करता रहा है। यह परंपरा न सिर्फ धार्मिक श्रद्धा को बढ़ावा देती है, बल्कि समाज में शांति और एकता का संदेश भी फैलाती है।
इस बार का कार्यक्रम भी एक प्रेरणादायक संदेश के साथ खत्म हुआ— “गुरु का नाम लो और नई शुरुआत करो!”