बैठक के बाद पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गिरिडीह उपायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने उपायुक्त को याद दिलाया कि माननीय उच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर को नगर निगम क्षेत्र में टॉल वसूली पर रोक लगाने का आदेश दिया था, बावजूद इसके अजीडीह केंद्र पर अवैध वसूली जारी थी। इसी मुद्दे को उजागर करने पर पत्रकार अमरनाथ पर हमला हुआ।
इस बैठक में कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए, जिनमें राकेश सिन्हा ,अरविंद कुमार, प्रवीण कुमार राय, लक्ष्मी अग्रवाल, रमेश प्रभाकर, सुनील मंथन शर्मा, आलोक रंजन, सूरज सिन्हा,मीरा कुमारी, शाहिद रजा, प्रकाश श्रीवास्तव, नफीस अजहर, एजाज अहमद, कैफ जद्दी, दानिश अहमद, मृणाल सिन्हा और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं।
घटना के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पपरवाटांड स्थित अमरनाथ सिन्हा के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उन्होंने चौथे स्तंभ पर इस हमले की निंदा करते हुए प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
इसी बीच धनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने भी समाहरणालय पहुंचकर अमरनाथ सिन्हा से मुलाकात की और घटना की निंदा की। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया।
