
गिरिडीह: पत्रकारिता के पेशे को सुरक्षित रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रेस क्लब ने सोमवार को गिरिडीह में सांकेतिक धरना दिया। यह धरना पत्रकार अमरनाथ सिन्हा और अन्य दो पत्रकारों पर हुए हमले के विरोध में आयोजित किया गया।
प्रेस क्लब की एकजुटता
इस धरने का नेतृत्व प्रेस क्लब के अध्यक्ष पत्रकार राकेश सिन्हा ने किया, जबकि संचालन महासचिव अरविंद कुमार के हाथों में रहा। इस विरोध प्रदर्शन में गिरिडीह के प्रमुख पत्रकार लक्ष्मी अग्रवाल, अमरनाथ सिन्हा,श्रीकांत सिंह,मृणाल सिंहा, सूरज सिन्हा, अविनाश प्रसाद, आलोक रंजन, अंजनी सिन्हा, समेत कई अन्य पत्रकार उपस्थित रहे।
क्या है मामला?
बताया गया कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद नगर निगम के टोल टैक्स पॉइंट से अवैध वसूली को लेकर थी। इस अवैध वसूली की कवरेज के दौरान अमरनाथ सिन्हा और अन्य पत्रकारों पर हमला किया गया। इस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन टोल टैक्स संवेदक के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
मंत्री का आश्वासन और धरने का समापन
धरने की सूचना पाकर नगर विकास मंत्री सुदीब्य कुमार सोनू मौके पर पहुंचे और संवेदक पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। मंत्री के सकारात्मक रुख और भरोसे के बाद प्रेस क्लब ने धरना समाप्त किया।
पत्रकारिता पर हमला लोकतंत्र पर हमला
प्रेस क्लब के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि यह विरोध केवल पत्रकारों पर हमले का नहीं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सुरक्षा के लिए है। पत्रकारों ने मांग की कि इस घटना से जुड़े सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह धरना गिरिडीह के पत्रकारों की एकजुटता और उनकी आवाज को दबाने के खिलाफ उनके साहस का प्रतीक है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पत्रकारिता न केवल सच की तलाश है, बल्कि इसके लिए खड़ा होना भी उतना ही जरूरी है।