
रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज से रांची के दो दिवसीय दौरे पर आ रही हैं। अपने प्रवास के दौरान, वे 15 फरवरी को मेसरा स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) के प्लैटिनम जुबली समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी।
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
समारोह में राष्ट्रपति के साथ संस्थान के पूर्व छात्र, शिक्षा जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। उनकी यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। राष्ट्रपति शुक्रवार को विशेष विमान से रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचेंगी और वहां से सीधे राजभवन जाएंगी, जहां वे रातभर ठहरेंगी।
रातभर राजभवन में ठहरेंगी राष्ट्रपति
राजभवन में कुछ आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद, राष्ट्रपति यहीं विश्राम करेंगी। झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की है। इसके अलावा, 14 और 15 फरवरी को रांची में ट्रैफिक व्यवस्था में भी विशेष बदलाव किए गए हैं।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था: 10 आईपीएस अधिकारी और 1,000 पुलिसकर्मी तैनात
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति की सुरक्षा तीन स्तरों में होगी, जिसके तहत 10 आईपीएस अधिकारी और 1,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। राष्ट्रपति के काफिले के गुजरने से पहले संबंधित मार्गों पर एक घंटे के लिए यातायात रोक दिया जाएगा।
यातायात में बदलाव और भारी वाहनों की नो-एंट्री
रांची में 14 फरवरी को सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक बड़े मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी, जबकि दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक छोटे मालवाहक वाहनों के भी प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
15 फरवरी को भी सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक सभी प्रकार के भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर रोक रहेगी। पलामू, गढ़वा, लातेहार और गुमला रूट से आने वाले वाहन रिंग रोड के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।
एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों के लिए विशेष निर्देश
रांची एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले यात्रियों के लिए ट्रैफिक पुलिस ने विशेष निर्देश जारी किए हैं। जिन यात्रियों की फ्लाइट 14 फरवरी को शाम 4 बजे से 5:30 बजे के बीच है, उन्हें सलाह दी गई है कि वे दोपहर 3:30 बजे तक एयरपोर्ट पहुंचने का प्रयास करें।
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर रांची में प्रशासनिक तैयारियां चरम पर हैं, जिससे समारोह और सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके।