
गिरिडीह जिले में अवैध बालू खनन, डंपिंग और स्टोन माइंस के संचालन पर गहन जांच और कारखानों से निकलने लने वाले धुएं व दूषित जल के निष्पादन में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने दिया है । उन्होंने सभी औद्योगिक इकाइयों में इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ESP) मशीन लगाने के निर्देश भी दिए। गिरिडीह के समाहरणालय सभागार में मंगलवार को जिला स्तरीय पर्यावरण समिति की बैठक अध्यक्षता उपायुक्त-सह-अध्यक्ष, जिला पर्यावरण समिति नमन प्रियेश लकड़ा ने की। बैठक में पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा हुई और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
उसरी नदी के संरक्षण पर विशेष जोर।
बैठक का एक मुख्य एजेंडा था उसरी नदी का संरक्षण। उपायुक्त ने इस नदी की सफाई और संरक्षण के लिए सीएसआर फंड के उपयोग की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस फंड का प्रभावी और पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, नदी में गंदे नालों का पानी फिल्टर करने के बाद ही प्रवाहित करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
पर्यावरण संरक्षण और हरित उपायों पर फोकस।
बैठक में औद्योगिक परिसरों में पौधारोपण और प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का पालन करने पर जोर दिया गया। अस्पतालों, होटलों और रेस्तरां को भी प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित अनुमति प्राप्त करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, एयर क्वॉलिटी इंडेक्स डिस्प्ले स्क्रीन लगाने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि नागरिकों को वायु गुणवत्ता की स्थिति की जानकारी मिल सके।
प्रमुख अधिकारी थे मौजूद।
बैठक में पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, सदर अनुमंडल पदाधिकारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पर्यावरण संरक्षण से जुड़े इस महत्त्वपूर्ण संवाद में सभी संबंधित विभागों के समन्वय पर जोर दिया गया।