
RANCHI: मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक झारखंड प्रदेश कार्यालय में सजी। माहौल गर्म, चर्चा तीखी, और नेतृत्व दमदार। इस बार मंच पर दिखा चंपई सोरेन का नया अवतार। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और चंपई सोरेन ने विधायकों को संबोधित किया, लेकिन चर्चाओं का केंद्र रहे चंपई सोरेन।
“जनादेश हमारा, विपक्ष मजबूत”
दोनों नेताओं ने साफ-साफ कहा कि जनता ने भले सरकार बनाने का मौका नहीं दिया, लेकिन मजबूत विपक्ष का कंधा हमें सौंपा है। “हम सड़क पर भी लड़ेंगे और सदन में भी, सरकार की गलत नीतियों को उजागर करेंगे,” चंपई ने बुलंद आवाज में कहा।
“अब वक्त है तैयार होने का”
चंपई सोरेन ने बिना किसी घुमाव के विधायकों से दो टूक बात की, “चुनाव के नतीजों से बाहर निकलिए और आगे की रणनीति पर ध्यान दीजिए। विपक्ष का काम सिर्फ आलोचना करना नहीं है, बल्कि सकारात्मक कार्यों का समर्थन भी करना होगा। लेकिन जहां गलती होगी, वहां सरकार को घेरने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
मरांडी का निशाना: जेएसएससी और सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ियां
प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला। जेएसएससी और सीजीएल परीक्षाओं में धांधली का आरोप लगाते हुए मरांडी ने सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “एक क्रम में अभ्यर्थियों का पास होना, परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठाता है। छात्रों में बेचैनी है, सरकार को स्पष्ट करना होगा। भाजपा, छात्र हित में, सड़क से सदन तक आवाज बुलंद करेगी।”
चंपई का चुनावी खेल
इस चुनाव में भाजपा ने चंपई सोरेन और उनके बेटे बाबूलाल सोरेन दोनों को मैदान में उतारा। हालांकि, बाबूलाल घाटशिला से हार गए, लेकिन चंपई ने सरायकेला सीट से झामुमो प्रत्याशी गणेश महली को 20,447 वोटों से हराकर परचम लहराया।
चंपई की जीत न केवल भाजपा के लिए बड़ी राहत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह अपने क्षेत्र में अब भी अपराजेय हैं। कभी हेमंत सोरेन के खास माने जाने वाले चंपई, अब उनके लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं।
झारखंड की राजनीति एक नए मोड़ पर है। चंपई के नेतृत्व में भाजपा ने विपक्ष के तौर पर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। अब देखना है कि यह रणनीति सरकार पर कितना असर डालती है।