
रांची से रिपोर्ट …..
भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के निधन की खबर ने झारखंड के आदिवासी समाज को गहरे शोक में डाल दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद रिम्स अस्पताल पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मंगल मुंडा को श्रद्धांजलि दी।
उलिहातू में शोक की लहर।
मंगल मुंडा का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव उलिहातू पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बिरसा मुंडा के गांव में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। मंगल मुंडा के पिता सुखराम मुंडा, मां लखिमनी देवी और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। शुक्रवार को आदिवासी परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
दुर्घटना के बाद इलाज के लिए भेजा गया था रिम्स ।
मंगल मुंडा 25 नवंबर को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें खूंटी से रांची के रिम्स अस्पताल लाया गया, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डॉक्टरों को उनके इलाज में कोई कसर न छोड़ने के निर्देश दिए। उनके इलाज के लिए डॉक्टरों की एक विशेष टीम बनाई गई थी।
मुख्यमंत्री का रिम्स दौरा ।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन खुद रिम्स पहुंचे और मंगल मुंडा के स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के वंशज को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले।
मंगल मुंडा का निधन ।
सिर में गंभीर चोटों के कारण तमाम प्रयासों के बावजूद मंगल मुंडा को बचाया नहीं जा सका। 28 नवंबर की रात 12:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके छोटे भाई ने सोशल मीडिया पर इस दुखद समाचार को साझा किया, जिसके बाद से आदिवासी समाज में शोक की लहर है।
भगवान बिरसा के वंशज को अंतिम विदाई ।
45 वर्षीय मंगल मुंडा के निधन ने एक बार फिर भगवान बिरसा मुंडा की विरासत और आदिवासी समाज के संघर्ष को याद करने का मौका दिया है। झारखंड के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक ने उनके प्रति संवेदना व्यक्त की। लेकिन