
परवेज़ आलम
झारखंड की राजनीति में इस बार का चुनाव ऐतिहासिक रहा। महिलाओं ने वो कर दिखाया, जो पहले कभी नहीं हुआ। इस बार विधानसभा में 12 महिलाओं ने जीत का परचम लहराया। इनमें से 8 विधायक इंडिया गठबंधन से और 4 विधायक बीजेपी के टिकट पर विजयी रहीं।
झामुमो की महिलाओं का दमदार प्रदर्शन
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने महिलाओं को न सिर्फ मौका दिया, बल्कि उन्होंने उसे भुनाया भी।
• गांडेय: कल्पना मुर्मू सोरेन ने बीजेपी की मुनिया देवी को 17,142 वोटों से हराकर जीत दर्ज की।
• जामा: पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने बीजेपी के सुरेश मुर्मू को 5,738 वोटों से मात दी।
• इचागढ़: सविता महतो ने आजसू के हरेलाल महतो को 26,523 वोटों से हराया।
कांग्रेस की महिलाओं की चमक
कांग्रेस की महिला उम्मीदवारों ने भी शानदार प्रदर्शन किया।
• पाकुड़: निसात आलम ने आजसू के अजहर इस्लाम को 86,029 वोटों से हराया।
• महगामा: दीपिका पांडे सिंह ने बीजेपी के अशोक कुमार को 18,645 वोटों से हराया।
• रामगढ़: ममता देवी ने आजसू की सुनीता चौधरी को 6,790 वोटों से मात दी।
• बोकारो: श्वेता सिंह ने बीजेपी के बिरंची नारायण को 7,207 वोटों से हराया।
• मांडर: शिल्पी नेहा तिर्की ने बीजेपी के सन्नी टोप्पो को 22,803 वोटों से हराया।
बीजेपी की महिला उम्मीदवारों की जीत
बीजेपी की ओर से भी 4 महिला विधायकों ने अपना दमखम दिखाया।
• कोडरमा, झरिया, जमुआ और जमशेदपुर ईस्ट सीट पर महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, जो झारखंड की राजनीति में महिलाओं के बढ़ते कदम को दर्शाता है।
इतिहास में पहली बार 12 महिलाएं बनीं विधायक
झारखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं ने जीत हासिल कर विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह जीत न सिर्फ झारखंड की राजनीति में महिलाओं की मजबूत होती पकड़ का प्रतीक है, बल्कि आने वाले समय में महिला नेतृत्व के बढ़ने का संकेत भी देती है।