
लालू प्रसाद यादव का बड़ा फैसला, बिहार की राजनीति में मचा हलचल
परवेज़ आलम.
बिहार की राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को न केवल पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया, बल्कि उन्हें परिवार से भी अलग कर देने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले ने न सिर्फ यादव परिवार में दरार की अटकलों को हवा दी है, बल्कि आरजेडी के भीतर आंतरिक कलह और सियासी समीकरणों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
लालू यादव ने इस विषय पर ट्वीट करते हुए लिखा “”निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है।
तेज प्रताप के निष्कासन की वजह मानी जा रही है हाल ही में वायरल हुआ वह वीडियो जिसमें वह अनुष्का यादव के साथ नजर आ रहे हैं। खबरों के मुताबिक तेज प्रताप ने इस रिश्ते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है। उन्होंने यह भी बताया कि वह पिछले 12 वर्षों से अनुष्का से प्रेम करते थे और अब उन्होंने उनसे विवाह कर लिया है
तेज प्रताप की छवि: रंगीन, धार्मिक और विवादास्पद.
तेज प्रताप यादव हमेशा से ही बिहार की राजनीति में अपनी अनोखी शैली, धार्मिक रूप और सोशल मीडिया पर सक्रियता के लिए चर्चा में रहे हैं। कभी भगवान शिव, तो कभी श्रीकृष्ण के रूप में दिखाई देना, होली पर पारंपरिक वेशभूषा पहनकर आयोजन करना—तेज प्रताप ने हमेशा खुद को अलग दिखाने की कोशिश की।
राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने 2015 में महुआ सीट से जीत दर्ज की और नीतीश कुमार की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। फिर 2020 में हसनपुर से विधायक चुने गए और दूसरी बार नीतीश सरकार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री का पद संभाला। हालांकि, उनकी कार्यशैली और विवादास्पद बयान अक्सर पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते रहे।
निजी जीवन में भी विवादों से घिरे रहे तेज प्रताप.
तेज प्रताप का निजी जीवन भी सुर्खियों से अछूता नहीं रहा है। 2018 में उन्होंने बिहार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से शादी की थी। यह रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला और तलाक की प्रक्रिया अब भी अदालत में लंबित है। अब अनुष्का यादव के साथ उनकी नई शुरुआत ने राजनीतिक और पारिवारिक हलकों में भूचाल ला दिया है।
पप्पू यादव ने तेज प्रताप का किया समर्थन, लालू के फैसले पर उठाए सवाल.
तेज प्रताप यादव के निष्कासन के बाद जन अधिकार पार्टी (JAP) के नेता और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव खुलकर उनके समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने तेज प्रताप को “ईमानदार प्रेमी” बताते हुए लालू प्रसाद यादव से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
“तेज प्रताप ने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने समाज के सामने सच स्वीकार किया। ऐसे में उन्हें सजा देना कहां तक उचित है?” – पप्पू यादव
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि देश की राजनीति में ऐसे कई नेता हैं जिन पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि तेज प्रताप को सिर्फ इसलिए निष्कासित किया गया क्योंकि उन्होंने प्रेम को स्वीकार किया
राजनीतिक असर: RJD को फायदा या विरोधियों को मिलेगा मुद्दा?
तेज प्रताप के निष्कासन से RJD को अनुशासन का संदेश देने का मौका मिला है, लेकिन साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इससे पार्टी को चुनावी नुकसान होगा। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा विरोधी दलों के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है। वहीं, तेज प्रताप यादव के समर्थकों में इस फैसले को लेकर नाराज़गी देखी जा रही है।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या तेज प्रताप कोई नया राजनीतिक विकल्प तलाशेंगे, क्या वे बगावती रुख अपनाएंगे, या फिर यह पारिवारिक कलह समय के साथ शांत हो जाएगा ।