कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव इस बार दो विचारधाराओं के बीच का चुनाव है। एक विचारधारा संविधान बचाने, छात्रों के हाथ में किताब और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला सम्मान योजना जैसी पहल कर रही है। गरीबों के बिजली बिल और किसानों के केसीसी ऋण माफ कर रही है। दूसरी विचारधारा नफरत फैलाकर, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने और उनके हाथों में तलवार देने का काम कर रही है।
तेजस्वी ने भाजपा और एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड की जनता को केवल झूठे वादे दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल कर विरोधी विचारधाराओं को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और लालू प्रसाद यादव को निशाना बनाने के प्रयासों की आलोचना की। उन्होंने जनता से अपील की कि वे सोच-समझकर फैसला करें कि कलम देने वालों का समर्थन करना है या तलवार देने वालों का।
भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड की जनता ने इंडी गठबंधन के शासनकाल में गरीबों, किसानों, महिलाओं और दलितों के उत्थान के लिए किए गए कार्यों को देखा है। उन्होंने भाजपा पर झारखंड के खनिज संसाधनों को पूंजीपतियों के हाथों बेचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनडीए का उद्देश्य झारखंड के विकास का नहीं बल्कि इसे लूटने का है। जनता को तीन तारा वाले भाकपा माले के उम्मीदवार विनोद सिंह का समर्थन कर इस सोच को रोकना होगा।
भाकपा माले के प्रत्याशी विनोद सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के प्रतिनिधि को क्षेत्र में 5 साल का मौका दिया गया, लेकिन न तो नए स्कूल खुले, न कॉलेज बने, न सड़कों का निर्माण हुआ और न ही पुल बने। उन्होंने भाजपा पर खनिज संसाधनों को पूंजीपतियों को बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों की जमीन का सबसे ज्यादा शोषण भाजपा शासन में हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मो. इकबाल ने की और संचालन भोला मंडल ने किया। सभा को जानकी यादव, गौतम सागर राणा, अरुण सिंह, संदीप सौरभ, गोपाल रबिदास, रामधन यादव, रामदेव यादव, मुरली मनोहर मंडल, मनोहर यादव, सीताराम सिंह, हरेंद्र सिंह, संजय मोदी, अलीमुद्दीन अंसारी, केदार मंडल और गयासुद्दीन अंसारी ने भी संबोधित किया।
