जस्टिस बी.आर. गवई बनेंगे देश के 52वें CJI, दलित समुदाय से दूसरे न्यायाधीश

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देश की न्यायिक व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (B.R. Gavai) भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे । मौजूदा चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के बाद, जस्टिस संजीव खन्ना ने परंपरा के तहत उनके उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस गवई के नाम की सिफारिश कानून मंत्रालय को भेज दी है। यह कदम भारतीय न्यायपालिका की उस परंपरा को आगे बढ़ाता है जिसमें वरिष्ठता के आधार पर सर्वोच्च न्यायाधीश का चयन किया जाता है।
जस्टिस गवई की नियुक्ति कई मायनों में ऐतिहासिक मानी जा रही है। वे भारत के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। इससे पहले न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन इस पद को सुशोभित कर चुके हैं। सामाजिक न्याय और समावेशिता के दृष्टिकोण से यह एक बड़ा कदम है।
कब संभालेंगे जिम्मेदारी?
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 को समाप्त हो रहा है। इसके बाद वरिष्ठता क्रम के अनुसार जस्टिस बी.आर. गवई देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। उनका कार्यकाल लगभग छह महीने का होगा, और वे 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
जस्टिस बी.आर. गवई: एक सधी हुई न्यायिक यात्रा. 
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुआ था। उन्होंने 1985 में वकालत की शुरुआत की और अपने प्रारंभिक वर्षों में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व महाधिवक्ता बैरिस्टर राजा एस. भोसले के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त किया।
इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में स्वतंत्र वकालत की और विभिन्न सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थाओं के लिए कानूनी प्रतिनिधि के रूप में सेवाएं दीं। अमरावती नगर निगम, नागपुर नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठानों के लिए वे स्थायी अधिवक्ता रहे।
सरकारी सेवा और न्यायपालिका में पदोन्नति. 
जस्टिस गवई अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त पब्लिक प्रॉसीक्यूटर के रूप में काम कर चुके हैं। 17 जनवरी 2000 को उन्हें नागपुर खंडपीठ के लिए पब्लिक प्रॉसीक्यूटर नियुक्त किया गया। इसके तीन साल बाद, 14 नवंबर 2003 को वे बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 12 नवंबर 2005 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
24 मई 2019 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति मिली और तब से वे कई संवैधानिक पीठों का हिस्सा रहे हैं, जहाँ उन्होंने ऐतिहासिक निर्णय सुनाए।
महत्वपूर्ण फैसले जिनमें गवई रहे निर्णायक भूमिका में. 
जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट की कई संविधान पीठों का हिस्सा रह चुके हैं, जिनके फैसले देश की संवैधानिक दिशा को तय करने वाले रहे:
1. अनुच्छेद 370 पर फैसला (2023): पाँच सदस्यीय संविधान पीठ ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को सर्वसम्मति से सही ठहराया। जस्टिस गवई भी इस पीठ में शामिल थे।
2. चुनावी बॉन्ड योजना: एक अन्य संविधान पीठ ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया। यह निर्णय लोकतांत्रिक पारदर्शिता के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।
3. नोटबंदी मामला (2016): पाँच जजों की पीठ ने 4:1 के बहुमत से केंद्र की नोटबंदी योजना को वैध ठहराया। इसमें जस्टिस गवई भी शामिल थे।
4. आरक्षण में उप-वर्गीकरण: सात न्यायाधीशों की पीठ ने 6:1 के बहुमत से फैसला दिया कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण का अधिकार है, ताकि अधिक पिछड़े वर्गों को लक्ष्यित लाभ मिल सके।
5. मध्यस्थता कानून में व्याख्या: पीठ ने स्पष्ट किया कि अगर किसी अनुबंध में मुहर न लगी हो तो भी उसमें मध्यस्थता क्लॉज लागू हो सकता है। इससे व्यवसायिक विवादों को सुलझाने की प्रक्रिया आसान हुई।
6. बुलडोजर कार्रवाई पर दिशा-निर्देश: जस्टिस गवई की अध्यक्षता में पीठ ने यह ऐतिहासिक आदेश दिया कि बिना ‘कारण बताओ नोटिस’ के किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जा सकता। 15 दिन का समय देना अनिवार्य होगा।
7. वन एवं पर्यावरण से जुड़े मामलों की सुनवाई: वर्तमान में जस्टिस गवई उस पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं, जो वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अहम मुद्दों पर सुनवाई कर रही है।
जस्टिस बी.आर. गवई की मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति सिर्फ वरिष्ठता का पालन नहीं है, बल्कि यह भारतीय न्यायपालिका में सामाजिक समावेशिता और न्यायिक योग्यता का प्रतीक भी है। उनका अब तक का न्यायिक सफर, कानूनी दृष्टिकोण और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता यह दर्शाती है कि न्याय का चक्र अब और भी सशक्त हाथों में सौंपा जा रहा है।

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Perwez Alam is one of the founder of The News Post4U, he brings over 4 decades of Journalism of experience, having worked with Zee News, Sadhna News, News 11, Bureau cheif of Dainik Jargarn, Govt. Accredited Crosspondent of Hindustan daily, Jansatta ect, He loves doing human intrest, political and crime related stories. Contact : 9431395522

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