
परवेज़ आलम की रिपोर्ट………
डुमरी विधायक जयराम महतो, हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री बनेंगे ! चौक गए न । हेमंत सोरेन सरकार में जयराम महतो का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। ऐसा क्यों? क्योंकि उनकी पार्टी जेएलकेएम ने झारखंड चुनाव में धमाकेदार प्रदर्शन किया है। 15 से ज़्यादा सीटों पर एनडीए का खेल बिगाड़ने वाली इस पार्टी के प्रदर्शन को हर राजनीतिक दल ने सराहा है। अब सवाल यह है कि हेमंत सोरेन इस फैसले के पीछे क्या रणनीति रख रहे हैं?
दरअसल, जयराम महतो 15% कुर्मी वोटों के बड़े नेता बनकर उभरे हैं। अगर वह सरकार में शामिल होते हैं, तो इसका फायदा इंडिया गठबंधन को कुर्मी समुदाय के वोटों के रूप में मिल सकता है।
चलिए अब झारखंड मंत्रिमंडल की संभावित तस्वीर पर बात करते हैं।
आपको बता दें, झारखंड विधानसभा में कुल 81 विधायक हैं और मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं। झामुमो के खाते से 5 से 6 मंत्री, कांग्रेस के 3 से 4 मंत्री, और राजद – माले से 1- 1 मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
झामुमो से किनके नाम हैं?
दीपक बिरुवा, हफीजुल हसन, और रामदास सोरेन का नाम चल रहा है। महिला कोटा से कल्पना सोरेन को मंत्री बनाने का दबाव झामुमो पर है। अभी पार्टी के अंदर इस बात का मंथन चल रहा है की कल्पना मुर्मू सोरेन को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए या नहीं। ज्यादातर विधायकों का दबाव है की कल्पना सोरेन को मंत्रिमंडल में स्थान मिलना चाहिए क्योंकि उनके जबरदस्त परफॉर्मेंस की वजह से ही विधायक बड़ी संख्या में जीत कर आए हैं तो अब सवाल यह है की कल्पना मुर्मू सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल होती है या नहीं अभी इंतजार करना होगा और अगर कल्पना मुर्मू सोरेन मंत्री नहीं बनती है तो महिला कोटे से जामा से जीत कर आई लुईस मरांडी और इचागढ़ से जीती सविता महतो में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है
इधर कांग्रेस से इरफान अंसारी और दीपिका सिंह पांडे का नाम मंत्री के लिए चल रहा है। वहीं, प्रदीप यादव, ममता देवी, और जयमंगल सिंह भी रेस में हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगर जयराम महतो को जगह मिलती है, तो कांग्रेस को तीन मंत्री और एक भारी-भरकम मंत्रालय देकर संतुलन साधा जा सकता है ।
राजद की स्थिति क्या है?
राजद से सिर्फ 1 मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इस दौड़ में सुरेश पासवान और संजय यादव के नाम हैं। लेकिन फाइनल फैसला तेजस्वी यादव करेंगे।
सीपीआई(माले) का क्या होगा?
पिछली बार समर्थन देने के बावजूद माले सरकार में शामिल नहीं हुआ था। इस बार, अरुप चटर्जी को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
हेमंत मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन को साधने की भी पूरी कोशिश हो रही है साथ ही प्रमंडलीय स्तर पर भी प्रतिनिधित्व मिले इसके भी कोशिश हो रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल है की मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री में जयराम महतो की क्या भूमिका होगी क्या इंडिया ब्लॉक जयराम महतो को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमत है या सिर्फ हेमंत सोरेन ही चाहते हैं कि जयराम महतो मंत्रिमंडल में शामिल हो । क्या होगा मामला यह अभी देखना दिलचस्प होगा।